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हर जुबां पर सामाजिक समरसता , बंधुत्व, समभाव और जय संविधान का नारा हो। पाखण्ड, ऊंच नीच, जाता पात और कुरीतियों से किनारा हो। ऐसा प्यारा वैज्ञानिक सोच वाला भारत देश हमारा हो। *स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।* ईं मनीष यादव लोक निर्माण विभाग, सोनभद्र