आज की ताजा रचना
कोरोना के खौफ से कितने,
देख रहे हैं दिन मे तारे।
कितने पत्रकार बेचारे,
कुसमय में परलोक सिधारे।
कलमकार खुद लड़ते-लड़ते,
कोरोना से हार गये।
न जाने कितने लोंगो के,
हरा भरा परिवार गये।
पत्रकारिता दिवस आज है,
हमको शोक मनाना होगा।
शहीद पत्रकारों को “व
र्मा”,
श्रद्धा सुमन चढ़ाना होगा।
इस अवसर पर करें प्रतिज्ञा,
जीवन में लायेंगे रंग।
पूरे मनोयोग से “वर्मा”
लड़ेंगे कोरोना से जंग।
डा0 वी0 के0 वर्मा,
चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय-बस्ती।