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घोसी(मऊ)। जैसे जैसे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दिन करीब आते जा रहे हैं वैसे वैसे गोंड़ जाति के लोगों की परेशानी पर बल बढ़ता जा रहा है । विकास खण्ड घोसी में 2 ग्राम पंचायत क्रमशः बरौली व गौरीडीह में ग्राम प्रधान के पद अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित किये गए हैं।गोंड़ जाति को वैसे तो अनुसूचित जनजाति के लिए जाना जाता है लेकिन कुछ तकनीकी पहलुओं पर गौर करने के बाद माननीय उच्च न्यायालय का कहना है कि मऊ जनपद में गोंड़ जातियाँ निवास नहीं करती हैं। अब सवाल उठता है कि जब गोंड़ जातियाँ जनपद में निवास नहीं करती हैं तो उनके लिये सीटें क्यों आरक्षित की गई। विगत कई हफ्ते से गोंड़ जाति के लोग अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिये तहसील मुख्यालय पर चक्रमण करते दिख रहे हैं। गुरुवार को जनमुक्ति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश मंडेला के नेतृत्व में गोंड़ जाति के सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों ने नेशनल हाइवे 29 जाम कर जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाये जाने की मांग उठाई। जब इसकी जानकारी जब पुलिस प्रशासन को हुई तो मौके पर कोतवाली प्रभारी कुमुद शेखर सिंह व वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रदीप मिश्रा अपने हमराहियों के साथ मौके पर पहुँच समझा बुझाकर कर नेशनल हाइवे का जाम खुलवाया। वार्ता के दौरान उपजिलाधिकारी डॉ० सी ०एल० सोनकर ने कहा कि जिन लोगो के पास जाति प्रमाण पत्र से सम्बंधित जो भी प्रमाण पत्र है वह लाकर उपजिलाधिकारी कार्यालय में लाकर प्रस्तुत करें। इसके बाद पुनः सत्यापन कराकर जारी किया जायेगा।