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*जब कच्चे तेल की कीमत इतनी ज्यादा गिर चुकी है तो उपभोक्ताओं को राहत क्यों नहीं मिल रही है,? सुनील सिंह* लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व एम.एल.सी सुनील सिंह ने केन्द्र सरकार के पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज डयूटी के फैसले को जनविरोधी बताते हुये कहा कि 2014 से पूर्व जब कच्चा तेल 109 डालर प्रति बैरल था तब पेट्रोल और डीजल की कीमत लगभग 71 रूपये थी और अब अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 35 डालर प्रति बैरल से भी कम होने के बाद भी पेट्रोल और डीजल के भाव आसमान छू रहे हैं और जनता को मंहगा ईधन खरीदने पर मजबूर होना पड रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में कटौती के बाद सस्ते पेट्रोल डीजल की आस लगाये देषवासियों को केन्द्र सरकार ने बड़ा झटका दिया है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 3 रूपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज डयूटी बढा दी है जोकि अर्थव्यस्था के लिए भी खतरा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम जनता को फायदा पहुंचाने के बजाय एक्साइज डयूटी में बढोत्तरी की है जिससे सरकार को लगभग 40 हजार करोड रूपये का फायदा होगा और कच्चे तेल की कीमत कम होेने से सरकार को पहले ही 3.4 लाख करोड रूपये का फायदा हो चुका है। सरकार के इस कदम से किसानों के साथ साथ आम लोगो पर इसका बुरा असर पडेगा। उन्होंने केन्द्र सरकार से सवाल करते हुये कहा कि जब कच्चे तेल की कीमत इतनी ज्यादा गिर चुकी है तो उपभोक्ताओं को राहत क्यों नहीं मिल रही है,? सरकार का यह कदम घोटाला, मंहगाई तथा भ्रष्टाचार को बढावा देने वाला है। सरकार को पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी लाने के लिए रणनीति बनानी चाहिए जिससे आम जनता को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे जी0एस0टी के दायरे में लाना चाहिए।
