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<no title>वो जो मुहब्बतों का, रिश्तों का मुहाफ़िज़ है! वो , जो हमारे तुम्हारे सबके दिलों पे काबिज़ है! जिनकी सादगी महफ़िलों की तड़क भड़क है! जिनके इल्म का चर्चा गली-गली,सड़क-सड़क है! जिनके साथ से हमराह को हिम्मत आती है! जिनके खौफ़ से बद्तमीज़ को शराफ़त आती है! सलीका ए ज़िंदगी इनसे सीखना है सीखिये! ये 'रेहान' हैं इनसे कभी मिल कर तो देखये! आप को यौमे पैदाइश की दिली मुबारकबाद🎂💐🎊🎉 आपका अपना कलीम अहमद सिल्वी