किसानों के लिए बजट में कुछ नहीं- सुनील सिंह लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व एम0एल0सी0 श्री सुनील सिंह ने कहा कि ये बजट बड़ी तिजोरी वालों के चेहरे पर मुस्कुराहट लायेगा, वहीं आम आदमी, किसान, बेरोजगार नौजवान, छोटे व्यापारियों के चेहरे पर मायूसी, हताशा और निराशा लाने के सिवाय कुछ नहीं है। बजट में सपने तो बड़े-बड़े दिखाये गये परन्तु उसे हकीकत में बदलने के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है, बजट पूरी तरह निराशाजनक एवं लक्ष्यविहीन है। देश का सबसे बड़ा वर्ग युवा, जिसे रोजगार की दरकार है रोजगार कैसे मिलेगा इसके लिए बजट में सरकार ने न तो सरकारी क्षेत्र में और न ही गैर सरकारी संगठित अथवा असंगठित क्षेत्र में कोई कार्ययेाजना प्रस्तुत की, इसके विपरीत रोजगार पाने की ट्रेनिंग देने की बात की गयी है। कृषि व किसानों के सरकार ने कुछ नहीं दिया किसानों को सस्ती दरों पर खाद व बिजली देने का प्रावधान नहीं किया गया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए भी बजट में कोई उल्लेख नहीं कुंभ में कैबिनेट बैठक करके गंगा एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा करने वाली सरकार ने अपने बजट में धन आवंटित करना तो दूर गंगा एक्सप्रेस वे का जिक्र तक नहीं किया। इस बजट में गरीबों महिलाओं व युवाओं को उपहास उड़ाने वाला है सुषमा लघु और मध्यम उद्योगों के लिए बजट बेहद कम है इससे रोजगार की उम्मीद वाले युवाओं को बड़ा धक्का लगा है इससे पता चलता है कि योगी सरकार को युवाओं के रोजगार देने में कोई रुचि नहीं है किसानों को सरकार ने कुछ नहीं दिया किसानों को सस्ती दरों पर खाद व बिजली देने का प्रावधान नहीं किया गया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए भी बजट में कोई उल्लेख नहीं। बजट को आकड़ों की बाजीगरी बताया। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को 450 रूपये प्रति कुन्तल देने के वादे के साथ सत्ता में आयी भाजपा सरकार को गन्ने के मूल्य में 10 रूपये की वृद्वि करने मंे 3 वर्ष का कार्यकाल लग गया। उन्होंने कहा कि कृषि पर लागत कम करने, खाद, पानी, बिजली, बीज, कृषि यंत्र, कीटनाषक आदि के दामों में कमी करने का प्रावधान इस बजट में नहीं किया गया है और न ही अन्य राज्यों की तरह गेहूं, धान व तिलहन की फसलों के मूल्य पर प्रति कुन्तल बोनस देने का कोई प्रावधान किया गया है। किसानों की आय दुगनी करने की घोषणा किसानों के साथ धोखा है।बजट में षिक्षा के लिए जो बजट आवंटित किया गया है महिलाओ के लिए किसी भी प्रकार की कोई पेंषन या सहायता की व्यवस्था नहीं की गयी है और न ही बजट में रोजगार सृजन कोई ठोस उपाय बेरोजगारों के लिए किया गया है जबकि इन्वेस्टर समिटि में करोडों रूपया बहाकर सरकार ने प्रदेष मंे भारी पंूजी निवेश के बडे बडे दावे किये थे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी व जी0एस0टी0 के बाद उ0प्र0 में लघु व मध्यम उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुये हैं तमाम मझौले उद्योग बंद हो गये हैं सरकार ने प्रस्तुत बजट में लघु मध्यम व कुटीर उद्योग के प्रोत्साहन के लिए कोई ठोस पहल नहीं की है कुल मिलाकर प्रदेश सरकार का यह बजट किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों, व्यापारियों और मजदूरों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण व निराशाजनक है।